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गोवंश सूखा भूसा खाते मिले तो मंत्री भड़क उठे, दिए समुचित आहार के निर्देश

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बाराबंकी। प्रदेश सरकार के पशुधन एवं दुग्ध विकास, राजनैतिक पेंशन मंत्री मा0 श्री धर्मपाल सिंह गुरुवार को बाराबंकी दौरे पर पहुंचे। निरीक्षण के दौरान चक गंजरिया फार्म में गोवंश को सूखा भूसा खाते देखकर मंत्री भड़क उठे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाते हुए निर्देश दिए कि पशुओं को हरा चारा, चोकर व पौष्टिक आहार मिलाकर समुचित रूप से खिलाया जाए, ताकि किसी भी स्थिति में पशुओं को कुपोषण न झेलना पड़े।इससे पहले मंत्री ने कलेक्ट्रेट स्थित लोकसभागार में जनपद स्तरीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह गाय के गोबर से विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाकर आय वृद्धि और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाएं। गाय के गोबर से खाद तैयार कर फसलों में प्रयोग किया जा सकता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और रोग भी कम होंगे।
कैटल कैचर की सहायता ली जाए
उन्होंने कहा कि गोवंश संरक्षण में संवेदनशीलता बरती जाए। इस कार्य में विशेष सचल दस्ते, ट्रैक्टर और कैटल कैचर की सहायता ली जाए। पशुधन विभाग पंचायती राज, ग्राम विकास, राजस्व एवं नगर निकाय विभाग से समन्वय स्थापित करे। संरक्षित गोवंश की देखभाल हेतु हरा चारा, भूसा, टीनशेड, विद्युत आपूर्ति, पेयजल, उपचार व सर्दी से बचाव के समुचित प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं।
किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सके
मंत्री ने कहा कि चारागाह भूमि पर हरा चारा लगाया जाए, जिससे गोवंश को पर्याप्त भोजन मिले। किसानों को पशुपालन के माध्यम से दोगुनी आय के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि केवल खेती पर निर्भर रहकर आय बढ़ाना कठिन है, इसलिए पशुपालन को कृषि का पूरक बनाना आवश्यक है।
दुग्ध उत्पादन से बढ़ी आय
मंत्री ने कहा कि संरक्षित गोवंश की देखभाल से न सिर्फ फसल बचाई जा सकती है बल्कि दुग्ध उत्पादन से किसानों की आय में वृद्धि भी हो रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मंत्री बोले — अब यूपी बना आत्मनिर्भर
समीक्षा बैठक के बाद मंत्री ने बंकी स्थित बृहद गोसंरक्षण केंद्र नेबलेट का निरीक्षण किया। उन्होंने गायों को गुड़-चना खिलाया और निर्देश दिए कि कमजोर पशुओं को पौष्टिक आहार व हरा चारा उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने वर्मी कंपोस्ट खाद निर्माण का अवलोकन करते हुए अधिकारियों से छायादार वृक्ष लगाने और मृत गोवंश को मिट्टी में दफन करने की प्रक्रिया सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने चक गंजरिया फार्म का गहन निरीक्षण किया, जहां 982 गायें और 231 बैल पाए गए तथा 650 लीटर प्रतिदिन दूध उत्पादन की जानकारी दी गई। उन्होंने स्टॉक रजिस्टर, दूध उत्पादन रजिस्टर व कृत्रिम गर्भाधान लैब का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जब मंत्री ने मानक के अनुरूप पशु आहार की मात्रा पूछी तो अधिकारी सही आंकड़ा नहीं बता सके। इस पर उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि मानक के अनुरूप पौष्टिक आहार ही पशुओं को दिया जाए, अन्यथा कठोर कार्रवाई होगी।
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