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महादेवा महोत्सव में लोक संस्कृति का सतरंगी उत्सव

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)रामनगर (बाराबंकी)। महादेवा महोत्सव का सांस्कृतिक मंच इस बार कला, संस्कृति और परंपरा का ऐसा अद्भुत संगम बना, जिसने देर शाम तक दर्शकों को अपने मोहपाश में बांधे रखा। लोककला की मिठास, भक्ति की रसधारा और प्रतिभा का नैसर्गिक प्रवाह—सबने मिलकर महोत्सव को अविस्मरणीय बना दिया। महादेवा महोत्सव ने संस्कृति, कला, लोकधुन, खेल और सामाजिक संदेशों का ऐसा अनमोल संगम प्रस्तुत किया, जिसने इसे सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं बल्कि जन – चेतना और परंपरा का उत्सव बना दिया।
जादू में पिरोया जनकल्याण का संदेश 
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा भेजे गए भावना मैजिक ग्रुप के कलाकारों ने जादू के जरिए सरकारी योजनाओं को बेहद रोचक ढंग से समझाया। जादूगर विश्वनाथ और शहताब ने जन धन सुरक्षा बीमा, जीवन ज्योति, अटल पेंशन सहित कई योजनाओं की जानकारी अनोखे अंदाज में देकर लोगों को जागरूक किया। साइबर अपराध से बचाव भी आकर्षक शैली में बताकर दर्शकों को चकित कर दिया। अदनान मैजिक ग्रुप ने स्वच्छता, शुद्ध जल और बीमारियों से बचाव का संदेश जादुई प्रस्तुतियों के माध्यम से दिया। उनका प्रदर्शन सामाजिक चेतना का सजीव उदाहरण बन गया।
कृष्ण लीलाओं का मनोहारी मंचन 
स्वरोंही ग्रुप की कलाकारों ने मयूर नृत्य और ब्रज संस्कृति से जुड़ी लीलाओं को अद्भुत सौंदर्य के साथ मंचित किया।कान्हा बंसी बजाए, मेरा नंदलाला, मटकी सम्भाल ब्रजबाला जैसे प्रस्तुतियों ने दर्शकों को ब्रजधाम की अनुभूति कराई। राधा–कृष्ण स्वरूपों में अभिषेक, जितेंद्र, मुस्कान, सुरेंद्र और अनुष्का की मनभावन अदाओं ने पूरे पंडाल को तालियों से गूंजा दिया।हिरण्यकश्यप वध का सजीव मंचन महोत्सव की विशेष आकर्षण रहा।
 लोकगायन की मधुर लहरें 
लखनऊ की लोकगायिका अंजली खन्ना की लोकधुनों ने वातावरण में मिठास भर दी। देवी गीत, दादरा, सोहर और भोजपुरी रंग—हर प्रस्तुति पर तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। उनके बाद अटरिया पे कोई चोर आया पर आरजू की प्रस्तुति ने रंग जमा दिया। राम भजन चित्रकूट के घाट–घाट पर सुनाते ही पूरा परिसर भक्ति रस में डूब गया। अयोध्या के लोकगायक सत्यांशु पटेल ने अपने भक्ति गीतों से अनोखा उन्माद जगाया। हमरे राम जी के नमवा के न जाने ला, जेकर नाथ भोलेनाथ ऊ अनाथ कैसे होई और अयोध्या में बाजे बधइयां जैसी प्रस्तुतियों पर दर्शक भावविभोर हो उठे।
 अवधी लोकधारा का मनोहारी प्रसार 
आकाशवाणी–दूरदर्शन की प्रसिद्ध गायिका डा. रश्मि उपाध्याय ने पहिली पूजा तोहार हो गौरी के ललनवा से शुरुआत कर भक्ति और लोक का अद्भुत संगम पेश किया।शीश गंगे की धार, गले सर्पों का हार सुनाते ही मंच शिवभक्ति से सराबोर हो गया।उनकी गायन शैली ने पूरे सभास्थल में आध्यात्मिक ऊर्जा भर दी।
आल्हा की गूंज 
नवरस बुंदेली लोककला समिति, महोबा द्वारा प्रस्तुत आल्हा गायन ने महोत्सव में जोश भर दिया। जितेंद्र चौरसिया और उनकी टोली की महोबा की लड़ाई, माड़ो की जंग और कजली कथा पर आधारित कलात्मक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। तलवारों की झंकार और अभिनय ने मानो इतिहास को जीवंत कर दिया।बुंदेली वेशभूषा में कलाकारों की लयबद्धता ने वातावरण में ऊर्जा भर दी।
 खेल भावना को मिला बड़ा मंच 
दो दिवसीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता में देश के प्रमुख संस्थानों की आठ टीमों ने शानदार प्रदर्शन किया।
रोमांचक मुकाबलों के बाद क्रिश्चियन कॉलेज, लखनऊ विजेता बना, जबकि बलजीत गोंडा उपविजेता रहा। मुख्य अतिथि नायब तहसीलदार विजय प्रकाश तिवारी और ब्लॉक प्रमुख संजय तिवारी ने खिलाड़ियों को सम्मानित किया। इस आयोजन ने खेल प्रतिभाओं को नई दिशा देने का कार्य किया।

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