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पक्ष और विपक्ष से मिलकर बनता है मजबूत लोकतंत्र-सतीश महाना

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उत्तर प्रदेश में आठ बार के विधायक सतीश महाना के सर्वसम्मति से 23वां विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव समेत सभी दलों के नेताओं ने सराहना की है। इन नेताओं ने मंगलवार को विधानसभा के कामकाज में सकारात्मक योगदान देने का भरोसा दिया और अध्यक्ष से अपेक्षा की कि वह सदस्यों का संरक्षण करेंगे। योगी ने कहा कि लखनऊ में मंगलवार को विधानसभा का सर्वसम्मति से चयन हुआ है। उन्होंने कहा कि यह सचमुच भारत के लोकतांत्रिक परंपराओं को और मजबूत और पुष्ट करता है।


योगी ने कहा, ‘‘मैं इसके लिए सत्‍ता पक्ष, नेता प्रतिपक्ष और सभी दलों के नेताओं और नवनिर्वाचित सदस्यों का उनके चुनाव के लिए और आपके चुनाव के लिए भी हृदय से अभिनंदन करता हूं और धन्यवाद भी देता हूं।’’ योगी ने कहा कि यह अच्छा संकेत है कि लोकतंत्र के दो पहिये (एक सत्‍ता पक्ष और दूसरा विपक्ष) हैं, एक दिशा में चल रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि आज भारत उप्र से अपेक्षा रखता है। इन अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए उप्र को तैयार करना है।

अखिलेश ने कहा, ''कई बार ऐसा होगा जहां हमें आपकी जरूरत पड़ेगी। बिना आपके स्‍वस्‍थ लोकतंत्र नहीं चल सकता। हालांकि आप राइट साइड से आए हैं लेकिन ध्‍यान आपको लेफ्ट साइड का रखना है। अब आपको उन्‍होंने छोड़ दिया है। हमें उम्‍मीद है कि निष्‍पक्ष हैं आप। आपको उन्‍होंने छोड़  दिया है स्‍पीकर की पोस्‍ट पर बिठाकर। अब राइट की तरफ नहीं देखेंगे आप। आप सिर्फ लेफ्ट की तरफ देखिए। हाउस के वो रेफरी हैं आप कि कभी गेम का हिस्‍सा न बन जाइएगा क्‍योंकि आप राइट से आए हैं।''


नेता सदन ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में जब सत्‍ता पक्ष और विपक्ष मिलकर एक साथ चलता है, तो वह एक और एक मिलकर दो नहीं होता, बल्कि 11 की ताकत के साथ व्यवस्था को और मजबूती के साथ आगे बढ़ाने का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि इस तरह साथ मिलकर चलना जन आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बनता है।

नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सर्वसम्मति से अध्यक्ष का चुनाव करके सदन में एक स्वस्थ परंपरा की शुरुआत की सराहना की। उन्होंने महाना से एक अध्यक्ष के रूप में तटस्थता से कार्य करने और विपक्ष के अधिकारों की रक्षा करने का आग्रह किया। अखिलेश ने कहा कि उन्हें एक ऐसे अनुभवी विधानसभा अध्यक्ष को बधाई देने का मौका मिला जो समय और परिस्थितियों को समझते हैं, वे जानते हैं कि आज हम कहां खडे़ हैं और कितने कठिन रास्ते आगे तय करने हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि यह बहस का समय नहीं है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष होने के नाते केवल इतना कहना चाहते हैं कि समय-समय पर विधानसभा अध्यक्ष के संरक्षण की जरूरत पड़ेगी। अखिलेश ने उनके दल (भाजपा) की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘विपक्ष के अधिकारों की रक्षा करना और सरकार को तानाशाह बनने से रोकना आपका कर्तव्य होगा। आप विपक्ष को जितना मौका देंगे, लोकतंत्र उतना मजबूत होगा।’’



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