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एआरटीओ कार्यालय में सिटी मजिस्ट्रेट ने की छापामारी

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इटावा।  ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में 500 रुपये सरकारी फीस और 1500 रुपये दलाल को देना पड़ा  यह शिकायत आरटीओ (उप संभागीय परिवहन कार्यालय) आने वाले हर तीसरे व्यक्ति की है। मगर अब इस सिस्टम को झटका देने का प्रयास प्रशासन ने किया है। मंगलवार को सिटी मजिस्ट्रेट दिग्विजय सिंह और सीओ सदर रामगोपाल शर्मा के नेतृत्व में हुई औचक छापेमारी ने न सिर्फ दलालों में खलबली मचा दी, बल्कि आम लोगों को उम्मीद की किरण भी दिखाई। 
एआरटीओ कार्यालय में बिना दलाल के काम करवाना मुश्किल है। जनता की शिकायतों के आधार पर प्रशासन ने एक ‘साइलेंट ऑपरेशन’ की योजना बनाई और मंगलवार सुबह अचानक छापा मार दिया गया।सरकार ने वर्षों पहले डिजिटलीकरण को बढ़ावा देकर आरटीओ सेवाओं को ऑनलाइन किया था, लेकिन ज़मीनी हकीकत ये है कि ऑनलाइन आवेदन के बाद भी सत्यापन या निरीक्षण जैसे कार्यों के लिए लोगों को दफ्तर जाना पड़ता है  और वहीं से दलाली शुरू होती है।सिटी मजिस्ट्रेट दिग्विजय सिंह ने स्पष्ट कहा  कि यह सिर्फ एक शुरुआत है। जो लोग लोगों की परेशानी का फायदा उठाकर अवैध वसूली कर रहे हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई होगी। इस तरह की छापेमारी अब नियमित रूप से जारी रहेगी  लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ एक ‘एक्सन शो’ बनकर रह जाएगा, या वाकई सिस्टम बदलेगा? इस कार्रवाई ने जनता को राहत की एक सांस जरूर दी है, लेकिन स्थायी बदलाव तभी मुमकिन है जब व्यवस्था खुद को दुरुस्त करने का साहस दिखाए। नहीं तो दलाल फिर लौटेंगेकृनई पहचान, नए बहाने और नए शिकार के साथ।

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