अमृतपुर (फर्रुखाबाद)। उत्तर प्रदेश के हरदोई जनपद की तहसील शाहाबाद अंतर्गत ग्राम कुसुमा में स्थित एक गौशाला के समीप गौ-हत्या की दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। ग्रामीणों द्वारा पकड़े गए एक संदिग्ध व्यक्ति के पास मिले धारदार हथियारों और घटनास्थल पर मृत गौवंशों के विखंडित अवशेषों ने न केवल स्थानीय धार्मिक भावनाओं को आहत किया है, बल्कि प्रशासन की निष्क्रियता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ग्राम कुसुमा की जिस गौशाला को गौसेवा का केंद्र माना जाना चाहिए, उसी के पास हाल ही में ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने ग्रामीणों को स्तब्ध कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक संदिग्ध व्यक्ति कई दिनों से गौशाला के इर्द-गिर्द घूमता देखा गया। ग्रामीणों को उसकी गतिविधियाँ संदेहास्पद लगीं। जब उसे रोका गया और पूछताछ की गई, तो वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे सका। तलाशी के दौरान उसके पास से कई तेज धारदार हथियार बरामद हुए। पकड़े जाने पर वह व्यक्ति मौके से भाग निकला और अपनी गाड़ी भी वहीं छोड़ गया।
घटनास्थल का दृश्य अत्यंत वीभत्स था। गौशाला के आसपास बिखरी खालें, हड्डियाँ और ताजे शव इस ओर स्पष्ट संकेत कर रहे थे कि यह कोई नई या आकस्मिक घटना नहीं, बल्कि सुनियोजित और लंबे समय से जारी आपराधिक गतिविधि है। कई मृत गायों के शवों को कुत्ते और जंगली जानवर नोचते देखे गए, जिससे पूरे क्षेत्र में भय और क्रोध का माहौल बन गया।
घटना की जानकारी राजेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिरसिंहपुर निवासी अभय चौहान को हुई तो बहुत तत्काल मौके पर। तत्काल थाना मंझिला को जानकारी दी गई। ग्रामीणों ने बाकायदा लिखित तहरीर देकर आठ से अधिक गौवंशों की हत्या की बात कही। लेकिन, हैरानी की बात यह रही कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मात्र दो गायों की ष्प्राकृतिक मृत्युष् की बात लिखते हुए रिपोर्ट दर्ज कर दी। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने घटना को दबाने का प्रयास किया है। जब कि घटनास्थल के वीडियो और चित्रों में स्पष्ट रूप से कई मृत गायें देखी जा सकती हैं।ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों का मानना है कि गौशाला का संचालन करने वाले व्यक्ति, वहाँ कार्यरत कर्मचारी और फरार संदिग्ध कृ सभी किसी न किसी रूप में इस आपराधिक गतिविधि में शामिल हैं। यह भी आशंका जताई जा रही है कि उक्त गौशाला के नाम पर एक संगठित गौ-हत्या गिरोह सक्रिय है, जिसे स्थानीय प्रशासन या पुलिस का संरक्षण प्राप्त हो सकता है।
समस्त ग्रामीणों, गौभक्तों और सामाजिक संगठनों की ओर से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजा गया है, जिसमें निम्न माँगें की गई हैं कि इस घटना की उच्चस्तरीय, निष्पक्ष एवं न्यायिक जांच करवाई जाए। दोषियों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्यवाही की जाए। थाना मंझिला पुलिस की भूमिका की भी जांच कर उन्हें उत्तरदायी ठहराया जाए। गौशाला की निगरानी हेतु सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और नियमित निरीक्षण किया जाए।
अभय चौहान गौ रक्षा दल प्रदेश अध्यक्ष सहित ग्रामीणों ने चेताया है कि यदि प्रशासन इस गंभीर मामले में त्वरित एवं ठोस कार्रवाई नहीं करता, तो वे समस्त सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर उग्र जन आंदोलन करने को बाध्य होंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन एवं प्रशासन की होगी। यह मामला न केवल कानून-व्यवस्था से जुड़ा है, बल्कि प्रदेश की धार्मिक-सांस्कृतिक भावना और जनभावनाओं का भी अपमान है। मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि इस प्रकरण को अत्यंत गंभीरता से लिया जाए और दोषियों को बख्शा न जाए।