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आज भी आदर्श है अहिल्याबाई का प्रशासनिक दृष्टिकोण

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लखनऊ। भारत विकास परिषद, अवध प्रांत (एनसीआर-2) द्वारा पुण्यश्लोका लोकमातादेवी अहिल्याबाई होल्कर सम्मान समारोह का भव्य आयोजन शनिवार, 31 मई 2025 को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ में किया गया। इस गरिमामयी समारोह का उद्देश्य समाज के विविध क्षेत्रों में अनुकरणीय कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित करना रहा, जो लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के जीवन मूल्यों - धर्म, सेवा, शिक्षा, न्याय और जनकल्याण - से प्रेरित होकर समाज के विभिन्न स्तरों पर योगदान दे रही हैं।
मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार की महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने समारोह की गरिमा बढ़ाई। 
विशिष्ट अतिथियों में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल, प्रो. मनीष वर्मा, भारत विकास परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री  विक्रांत खंडेलवाल, प्रान्तीय अध्यक्ष देवेन्द्र स्वरूप शुक्ला एवं प्रान्तीय महासचिव श्री शशिकान्त सक्सेना एवं डॉक्टर संजीव अवस्थी अध्यक्ष कृष्णा नगर शाखा विशेष रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की संयोजिका अंशु श्रीवास्तव ने बताया कि समारोह का आयोजन भारत विकास परिषद की कृष्णा नगर शाखा, लखनऊ के सौजन्य से किया गया। उन्होंने कहा कि यह मंच उन महिलाओं को समर्पित है जो आज के समाज में एक प्रेरणास्रोत बनकर उभर रही हैं, और जिनका कार्य लोकमाता अहिल्याबाई की विरासत को आगे बढ़ा रहा है।
इस अवसर पर भारत विकास परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री विक्रांत खंडेलवाल ने कहा, अहिल्याबाई होल्कर का जीवन भारतीय इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय है। उन्होंने बद्रीनाथ से रामेश्वरम तक और द्वारिका से जगन्नाथपुरी तक क्षतिग्रस्त मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया और खंडित तीर्थ परंपराओं को पुनर्जीवित किया। इसी कारण उन्हें ‘पुण्यश्लोका’ की उपाधि प्राप्त हुई।
समारोह में महंत दिव्या गिरी जी (मनकामेश्वर महादेव मंदिर), महंत लीला गिरी जी (बुद्धेश्वर महादेव मंदिर) सहित लगभग 40 विशिष्ट महिलाओं को सम्मानित किया गया। ये सभी महिलाएं धर्म, समाज सेवा, शिक्षा, संस्कृति और लोककल्याण के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य कर रही हैं।
लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर का प्रशासनिक दृष्टिकोण आज भी एक आदर्श माने जाते हैं - जहां न्याय, समानता, जनकल्याण और समरसता को प्राथमिकता दी गई। उन्होंने भूमिहीन किसानों, विधवाओं और जनजातीय समुदायों के कल्याण हेतु जो कार्य किए, वे आज के समय में भी मार्गदर्शक हैं।
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने लोकमाता अहिल्याबाई के जीवन दर्शन और उनके कार्यों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। समारोह में बड़ी संख्या में समाजसेवी, प्रबुद्धजन, शिक्षाविद, महिला संगठन की प्रतिनिधियां एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। अंत में डॉक्टर संजीव अवस्थी लोकमाता  अहिल्याबाई होलकर जी के जीवन से प्रेरणा लेते हुए  ईश्वर ने मुझे जो दायित्व दिया है ,उसे मुझे निभाना है।
 मैं अपने प्रत्येक काम के लिए स्वयं जिम्मेदार हूं ,जो कुछ में कर रहा हूं उसका ईश्वर के यहां मुझे जवाब देना पड़ेगा। इसी ऊर्जा के साथ सबको धन्यवाद ज्ञापन करते हुए आभार व्यक्त किया  ।

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