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लोधेश्वर धाम में प्रशासन की सख्त कार्रवाई, अवैध दुकानों पर चला बुलडोज़र

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रामनगर (बाराबंकी)। जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्री लोधेश्वर महादेव धाम में शनिवार को प्रशासन ने अवैध निर्माणों पर बड़ी कार्रवाई की। न्यायालय द्वारा वाद खारिज किए जाने के बाद धारा 133 सीआरपीसी के तहत प्रशासन ने तालाब की भूमि और पीडब्ल्यूडी संपत्ति पर बनी अवैध दुकानों और भवनों को बुलडोज़र से ढहा दिया।कार्रवाई का नेतृत्व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गुंजिता अग्रवाल, सीओ गरिमा पंत, तहसीलदार विपुल कुमार सिंह व नायब तहसीलदार विजय प्रकाश तिवारी ने किया। इस दौरान सीओ फतेहपुर कार्तिकेय सिंह, थाना प्रभारी मसौली अमित सिंह, बड्डूपुर प्रभारी मनोज कुमार, जहांगीराबाद प्रभारी दुर्गा प्रसाद शुक्ल, महादेवा चौकी प्रभारी अभिनंदन पांडे समेत पीएसी व पांच थानों की पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद रही।
 पहले दी गई चेतावनी, न हटे कब्जे तो चला बुलडोज़र
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, संबंधित दुकानदारों को पहले ही अतिक्रमण हटाने का नोटिस जारी किया गया था, परंतु जब अधिकांश व्यापारियों ने जगह खाली नहीं की, तो शनिवार सुबह प्रशासन ने तीन बुलडोज़रों के साथ कार्यवाही शुरू की। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अमले को देखकर दुकानदारों में अफरा-तफरी मच गई और कई लोग जल्दबाजी में अपना सामान हटाने लगे। गाटा संख्या 54 पर रियाज पुत्र कल्लू, इसरार अहमद पुत्र निसार अहमद, दीन मोहम्मद पुत्र जान मोहम्मद सहित लगभग 13 से 15 लोगों द्वारा अवैध निर्माण किए जाने की पुष्टि हुई थी। पूर्व एसडीएम पवन कुमार द्वारा वाद संख्या 385/2023 में कब्जा हटाने के आदेश पारित किए गए थे। कब्जेदारों की अपील शुक्रवार को अदालत द्वारा खारिज कर दी गई, जिसके बाद शनिवार को यह कार्रवाई अमल में आई।
कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई, धाम होगा अतिक्रमणमुक्त 
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गुंजिता अग्रवाल ने बताया कि यह कार्रवाई न्यायालय के आदेशों और धारा 133 सीआरपीसी के तहत की गई है। अवैध निर्माणों को तीन जेसीबी मशीनों की मदद से हटाया गया है। उन्होंने कहा कि “लोधेश्वर धाम परिसर को पूरी तरह अतिक्रमणमुक्त और श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थित बनाया जाएगा, ताकि धार्मिक गतिविधियों में कोई बाधा न आए।
 दुकानदारों में नाराज़गी 
वहीं, कार्रवाई से प्रभावित दुकानदार आदित्य तिवारी ने कहा कि यह भूमि विधिवत खरीदी गई थी और मामला अदालत में विचाराधीन था। शुक्रवार को निर्णय आने के बाद बिना अपील का अवसर दिए प्रशासन ने शनिवार सुबह दुकानें तोड़ दीं। उन्होंने कहा कि हम इस निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे। इस दौरान प्रशासनिक अमले की मुस्तैदी से पूरी कार्रवाई शांतिपूर्वक संपन्न हुई। मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण और श्रद्धालु भी मौजूद रहे।

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