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लखनऊ के पास तक फैली है सीओ ऋषिकांत शुक्ला की संपत्ति
- दैनिक लोक भारती
- 05 Nov, 2025
मैनपुरी। कानपुर के चर्चित अधिवक्ता अखिलेश दुबे के मददगार करोड़पति भोगांव सीओ ऋषिकांत शुक्ला ने बेनामी संपत्ति में विजिलेंस जांच और निलंबन के बाद एक वीडियो जारी करके सफाई दी है। ऋषिकांत और उनके दोस्त देवेंद्र दुबे ने वीडियो जारी कर खुद को बेकसूर बताते हुए अप्राधिकतत्वो की साजिश बताया। उनका कहना है कि अखिलेश दुबे से कानूनी सलाह लेते थे। 100 करोड़ की संपत्ति की बात निराधार है। ये अप्राधिकतत्वों की साजिश है। सस्पेंड सीओ ऋषिकांत शुक्ला की कानपुर में संपत्तियों का मामला उजागर हुआ। एसआइटी जांच के बाद यही जानकारी शासन को दी गई, जिसके बाद उनके खिलाफ जांच व अन्य कार्रवाई शुरू की गई है। सौ करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति का मामला सामने आया है। इसको लेकर निलंबित सीओ ऋषिकात शुक्ला ने इंटरनेट मीडिया में मंगलवार देर रात वीडियो जारी कर सफाई पेश की।
किसी भी कंस्ट्रक्शन कंपनी में शामिल नहीं
वायरल वीडियो में ऋषिकांत शुक्ला कह रहे हैं कि कानपुर पोस्टिंग के दौरान मैंने अखिलेश दुबे से सिर्फ अधिवक्ता के तौर कई बार सलाह ली है। उनके साथ किसी कंस्ट्रक्शन कंपनी में साझेदारी नहीं है। मेरी संपत्तियों और बेटे के नाम कंपनियों की जानकारी भी गलत दी जा रही है। कुछ अपराधियों तत्व व उनके पैरोकर मेरे खिलाफ साजिश रच रहे हैं। मेरे दोस्त पर भी जो आरोप कि 92 करोड़ की प्रापर्टी है वह भी गलत है।
कुछ माफियाओं पर की बड़ी कार्रवाई
तत्कालीन सीओ भोगांव ने कहा कि सौ करोड़ का टर्नओवर का आरोप लगाना गलत है। कुछ माफिया लोगों पर मैंने कड़ी कार्रवाई की थी उनके पैरोकार लोग मुझे फंसा रहे हैं। मैंने डीटू गैंग को पूरी तरह से खत्म किया जो 30 दशक से आतंक फैलाए हुआ था। मुन्ना बजरंगी शूटर्स को मुठभेड़ में मारा। कई ऐसे बदमाशों पर कड़ी कार्रवाई की ऐसे गैंग संगठित होकर कार्रवाई करवा रहा है।
रजिस्ट्री आफिस में जांच करें एजेंसियां
वहीं ऋषिकांत शुक्ला के दोस्त देवेंद्र दुबे ने भी वीडियो जारी कर बताया कि ऋषिकांत बचपन के दोस्त हैं और भविष्य में भी रहेंगे, लेकिन पता चला कि उनके व ऋषिकांत से ट्रांजेक्शन हुए और सम्पत्तियां ली गई हैं। इसको लेकर कहना चाहते हैं कि जांच एजेंसियां इसकी रजिस्ट्री आफिस में जांच कर लें। वह जांच और कानूनी प्रक्रिया से निपटने को तैयार हैं।
पूर्व पुलिस आयुक्त को गुमराह किया गया
उन्होंने मनोहर शुक्ला पर मारे जा चुके कुख्यात अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला का नजदीकी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी की ओर से कही जा रही सभी बातें निराधार है। एएआइटी की जांच के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई। पूर्व पुलिस आयुक्त अखिल कुमार को भ्रामक गुमराह किया गया। तभी मेरे विरुद्ध रिपोर्ट भेजी है। अगर उन्हें मिलकर स्पष्टीकरण देते तो वह भी उनकी बात मानते। मुझे उच्चअधिकारियों पर भरोसा है। मुझे जहां भी बुलाया जाएगा वहां जाऊंगा और अपने तथ्यों को रखूंगा।
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