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डीएम मुझसे पैसों की मांग करते थे, मना करने पर मिली निलंबन की सजा, पूर्व सीएमओ डॉ हरिदत्त नेमी

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 कानपुर महानगर के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह और कानपुर के मुख्य चिकित्सा के अधिकारी हरिदत्त नेमी के बीच जुबानी विवाद इस कदर बढ़ी कि आज उत्तर प्रदेश सरकार ने कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है। वहीं आज अपने सस्पेंशन के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने एक K NEWS INDIA के साथ बात करते हुए अपने ऊपर लगे सभी आरोप को निराधार बताते हुए सफाई देते हुए कहा कि कानपुर डीएम ने मुझसे पैसे की डिमांड की थी। पूर्व मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ हरिदत्त नेमी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिलाधिकारी द्वारा मुझसे कहा था कि सिस्टम में आओ नहीं तो मैं तुमको बर्बाद कर दूंगा और मुझे कई बार जाति सूचक गालियां वह मानसिक उत्पीड़न के साथ शारीरिक उत्पीड़न भी किया है। कानपुर डीएम पर पूर्व सीएमओ ने यह भी आरोप लगाया कि एक बी फार्मा कंपनी को बिना सामान के एवज में पेमेंट करने का भी दबाव कानपुर डीएम के द्वारा मेरे ऊपर लगातार बनाया जा रहा था जिसकी वजह से यह पूरा सस्पेंशन किया गया है और हम इसके खिलाफ आगे कोर्ट में जाएंगे।बीते दिनों कानपुर सीएमओ डॉ हरिदत्त नेमी का एक कथित ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस कथित ऑडियो में जिलाधिकारी कानपुर के लिए अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए ढोल बजाने वाला कहा गया। साथ ही जिलाधिकारी के ऊपर कलेक्ट्रेट में कार्य करने वाली महिलाओं पर भी दवाबपूर्ण काम कराने और सम्मान न देने की बात कही गयी। इस ऑडियो के वायरल होने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। वहीं इस मामले के तुल पकड़ते ही कानपुर के जनप्रतिनिधियों द्वारा सीएमओ के पक्ष में मुख्यमंत्री को पत्र लिख कार्रवाई न करने की बात कही गई। वहीं दूसरी तरफ कानपुर के लोगों द्वारा रैली और अन्य माध्यमों से कानपुर के डीएम का समर्थन किया गया और कानपुर के लोगों द्वारा डीएम के पक्ष में पत्र मुख्यमंत्री को भेजा गया। इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा गुरूवार को सीएमओ कानपुर को निलंबित करते हुए डीएम कानपुर को क्लीनचिट दे दी गई।

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