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दिल्ली में होगी बिन बादल बरसात, आईआईटी कानपुर को मिली इसकी जिम्मेदारी

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दिल्ली वालों को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए दिल्ली सरकार कृत्रिम बारिश कराने की तैयारी में है. पहले ये आर्टिफिशियल बारिश जुलाई में कराई जानी थी. लेकिन जुलाई में मानसूनी बारिश हो रही है. ऐसे में अब अगस्त में ये बारिश कराई जाएगी. इस बारिश को कराने की जिम्मेदारी आईआईटी कानपुर ने ली है.दिल्ली देश में पहला ऐसा राज्य बन सकता है, जहां वायु प्रदूषण को कम करने के लिए क्लाउड सीडिंग कराई जाए। क्लाउड सीडिंग के ट्रायल्स के लिए डीजीसीए से आवश्यक अनुमति हासिल कर ली गई है। क्लाउड सीडिंग का अर्थ है कि वायु प्रदूषण ज्यादा होने के समय में कृत्रिम तरीके से बारिश कराई जाएगी, जिससे हवा में मौजूद पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे धूल कण नीचे बैठ जाएंगे और लोगों को साफ हवा में सांस लेने का अवसर मिलेगा। दिल्ली में क्लाउड सीडिंग का यह काम अब 30 अगस्त से 10 सितंबर के बीच किया जाएगा। इसके पहले जुलाई में ही इस काम को करने का निर्णय लिया गया था। दिल्ली में मानसून आने के कारण क्लाउड सीडिंग की तारीखों में बदलाव किया गया है। दिल्ली सरकार ने बताया है कि क्लाउड सीडिंग के परीक्षण के दौरान अलीपुर, बवाना, रोहिणी, बुराड़ी, पावी सड़कपुर और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे के हिस्सों के ऊपर से विमान उड़ान भरेंगे। आईआईटी कानपुर ने 2017 में प्रदूषण और सूखे से निपटने के लिए रिसर्च शुरू किया था, जिसमें संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मश्री अवार्डेड प्रोफेसर मनीष अग्रवाल की टीम ने क्लाउड सीडिंग तकनीक से कृत्रिम बारिश करने में बड़ी सफलता हासिल की थी. प्रोफेसर डायरेक्टर आईआईटी कानपुर महेंद्र अग्रवाल ने बताया कि जुलाई के महीने में मानसूनी बारिश हो रही है. इस वजह से दिल्ली सरकार अगस्त के महीने में कृत्रिम बारिश कराएगी.

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