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डिवाइडर रहित बाराबंकी बहराइच हाईवे पर फिर कुचली गई ज़िंदगी

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रामनगर (बाराबंकी)। सड़क पर हादसे अब यहां आम बात बन गए हैं। गोंडा–बहराइच हाईवे का चौड़ीकरण और डिवाइडर निर्माण केवल कागज़ी फाइलों में सिमटकर रह गया है, जबकि सड़कों पर हर दूसरे दिन कोई न कोई अपनी जान गंवा रहा है। बुधवार को तेज रफ्तार डंपर ने एक बार फिर निर्दोष श्रद्धालु की जान ले ली, जिससे क्षेत्र में आक्रोश और असुरक्षा दोनों बढ़ गए हैं। थाना रामनगर क्षेत्र के चौकाघाट रेलवे स्टेशन के पास बुधवार दोपहर तेज रफ्तार अज्ञात डंपर ने बाइक सवार दो श्रद्धालुओं को टक्कर मार दी। हादसे में 60 वर्षीय दिनेश निवासी ग्राम मिश्रनपुरवा, थाना परसपुर (गोंडा) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके साथी 26 वर्षीय अंकित मिश्रा पुत्र विजय कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों कोटवा धाम जगजीवन साहब बाबा के दर्शन को जा रहे थे।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, डंपर की रफ्तार इतनी तेज थी कि बाइक उछलकर कई फीट दूर जा गिरी। सड़क पर न तो डिवाइडर है और न ही गति-नियंत्रण संकेतक, जिससे आए दिन यहां दुर्घटनाएं होती हैं।
 प्रशासन की फाइलों में “सड़क सुरक्षा 
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग के चौड़ीकरण और डिवाइडर निर्माण का प्रस्ताव कई बार बना, पर हर बार फाइलें “अगली कार्यवाही हेतु सुरक्षित रखी गईं।” नतीजा यह है कि सड़क पर ट्रक और डंपर बेलगाम दौड़ रहे हैं। सुरक्षा उपाय नदारद हैं और पुलिस गश्त केवल हादसे के बाद नज़र आती है।
घायल अस्पताल रेफर, शव भेजा गया पोस्टमार्टम 
हादसे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने गंभीर रूप से घायल अंकित को एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर भेजा, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहीं, मृतक दिनेश का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
 जनता का सवाल — “सड़क कब सुरक्षित होगी 
गांववालों ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक लापरवाही और सड़क पर डिवाइडर न होने के कारण हर महीने कोई न कोई परिवार उजड़ जाता है। हादसे के बाद थोड़ी देर के लिए चर्चा होती है, लेकिन अगले दिन फिर सब पहले जैसा हो जाता है। अब सवाल यह है कि सरकार के लिए सड़क सुरक्षा कितनी प्राथमिकता है—क्योंकि फाइलों में योजनाएं आगे बढ़ती हैं, और सड़कों पर मौतें भी।
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