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महिला सिपाही विमलेश पाल हत्याकांड का पर्दाफाश, पति गिरफ्तार

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बाराबंकी। जनपद के मसौली क्षेत्र में महिला सिपाही विमलेश पाल की हत्या के सनसनीखेज मामले का पुलिस ने सफल खुलासा कर लिया है। मामले की परतें खुलीं तो चौंकाने वाला सच सामने आया—विमलेश के जीवनसाथी ने ही उसे मौत की नींद सुला दिया था। प्रेम, विश्वास, धोखा और लालच के इस खौफनाक सिलसिले की पटकथा कई महीनों से तैयार हो रही थी। पुलिस की स्वॉट, सर्विलांस और मसौली थाना टीम ने आरोपी को धर दबोचते हुए उसके कब्जे से लोहे की रॉड, मृतका का पर्स और वारदात में प्रयुक्त वैगनार कार भी बरामद की है।
 बहन की तहरीर से खुला मामला 
30 जुलाई की सुबह मसौली थाना क्षेत्र के ग्राम बिन्दौरा में खेत के किनारे महिला कांस्टेबल विमलेश पाल का शव मिलने से सनसनी फैल गई थी। सिर और गले पर गहरे घाव थे, जिससे हत्या की पुष्टि हुई। बहन पूजा पाल की तहरीर पर इंद्रेश मौर्या के खिलाफ BNS की धारा 103(1)/351(3) में मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस टीमों ने जांच शुरू की।
 एसपी व एएसपी की निगरानी में 24 घंटे में आरोपी गिरफ्तार 
पुलिस महानिरीक्षक अयोध्या परिक्षेत्र प्रवीण कुमार व एसपी अर्पित विजय वर्गीय के निर्देश और एएसपी बाराबंकी विकास चंद्र त्रिपाठी की सतत निगरानी में गठित पुलिस की चार टीमों ने मैन्युअल इंटेलिजेंस व इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के माध्यम से आरोपी की गतिविधियों को ट्रैक किया और घटना के 24 घंटे में 31 जुलाई को भयारा रोड, प्लाईवुड फैक्ट्री के पास से उसे गिरफ्तार कर लिया।
2017 से शुरू हुआ रिश्ता, फिर प्यार, शादी और अंत में हत्या 
पुलिस जांच में सामने आया कि मृतका और आरोपी की मुलाकात वर्ष 2017 में हुई थी। दोनों नगर कोतवाली क्षेत्र में रहते थे, वहीं से प्रेम संबंधों की शुरुआत हुई, जो बाद में गहराते चले गए। जब विमलेश ने शादी का दबाव बनाया तो आरोपी पीछे हट गया। मजबूर होकर महिला सिपाही ने उस पर दुष्कर्म व धमकी का मुकदमा दर्ज कराया। इस बीच आर्य समाज मंदिर में दोनों की शादी भी हो गई, लेकिन आरोपी ने वैवाहिक जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।
 ड्यूटी शेड्यूल जानकर रची गई हत्या की पटकथा 
आरोपी ने विमलेश से आर्थिक मदद ली, बैंक लोन भी उसके नाम से निकलवाया। बढ़ते विवादों और गिरती साख से परेशान होकर उसने कत्ल की साजिश रची। 27 जुलाई को समीक्षा अधिकारी की परीक्षा का बहाना बनाकर बाराबंकी आया। उसे विमलेश की ड्यूटी का समय पहले से पता था। बिन्दौरा पुल के पास दोनों की मुलाकात हुई और खेत की ओर जाते समय उसने पीछे से लोहे की रॉड से सिर पर हमला कर उसकी हत्या कर दी।
 खुद को बचाने रचा ड्रामा, हत्या के बाद मृतका को करता रहा फोन
हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आरोपी लखनऊ स्थित मामा के घर पहुंचा और फिर वहां से पूर्वांचल एक्सप्रेस के ज़रिए सुल्तानपुर भाग गया। शक से बचने के लिए वह लगातार विमलेश के फोन पर कॉल करता रहा, ताकि यह दिखा सके कि वह अनभिज्ञ है। वह जौनपुर और बाराबंकी आता-जाता रहा, लेकिन पुलिस की सटीक रणनीति और सर्विलांस ने उसे जाल में फंसा लिया।

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