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शुरू हो गई गुलाबी ठंड...अस्पतालों में बढ़ने लगे सर्दी-जुकाम के मरीज :- डॉ अमित बाजपेई

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लखीमपुर-खीरी।दिवाली के बाद मौसम में हो रहा बदलाव आपको बीमार कर सकता है। ऐसा हम नहीं कह रहे चिकित्सकों समेत सीएचसी अधीक्षक डॉ अमित बाजपेई ने यह हिदायत दी है। इसलिए सजग रहने की जरूरत है। दिन में बढ़ रही धूप और रात को चल रही हवाओं की वजह से दिन और रात के तापमान में भारी अंतर आ गया है। इससे दिन में गर्मी का अहसास हो रहा है और शाम ढलते ही हवाओं में ठंडक आ जाती है। यह बदलाव मानव शरीर के लिए उचित नहीं है।
जिला खीरी में तेजी से बढ़ रही ठंड!
जनपद खीरी का तापमान अन्य जगहों से बिल्कुल अलग रहता है शाम होते ही ठंडक बढ़ने लगी है। रात में लोगों को पंखे बंद करने पड़ रहे हैं। कुछ क्षेत्रों में तो रात में गरम कपड़े तक निकल गए हैं। इसके विपरीत दिन में निकल रही धूप की वजह से दिन में एक बार फिर से गर्मी का अहसास होता है और शाम ढलते ही जैसे ही धूप खत्म होती है ठंडक का अहसास होने लगता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरधान अधीक्षक डॉ अमित बाजपेई का कहना है कि मौसम का यह बदलाव मानव शरीर को बीमार कर रहा है। जिला चिकित्सालय समेत सीएचसी में बुखार, नजला और जुकाम के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।
24 घंटे के तापमान में आ रही भारी गिरावट !
लखीमपुर खीरी में रविवार को अधिकतम तापमान 29.97 डिग्री और न्यूनतम तापमान 19.87 डिग्री रिकार्ड किया गया। तापमान के इस उतार चढ़ाव से ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि 24 घंटे में तापमान में कितना बदलाव हो रहा है दिन में तापमान 29 डिग्री तक जा रहा है जबकि रात में तापमान गिरकर 19 डिग्री तक आ जाता है। इससे दिन में गर्मी और रात में सर्दी का अहसास हो रहा है। यही कारण है कि चिकित्सकों ने इस अवधि में बच्चों और बूढ़ों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की सलाह दी है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरधान अधीक्षक डॉ अमित बाजपेई के मुताबिक बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं। सुबह और शाम घर से बाहर नहीं निकालें। धूप निकलने के कुछ घंटे बाद बच्चों को धूप में रखने से लाभ होगा। उसे विटामिन डी मिलेगा। दो पहिए वाहन पर बच्चों को कहीं नहीं ले जाएं। हवा लगने से बुखार या सर्दी-खांसी हो सकती है।
बीपी की नियमित कराएं जांच!
अधीक्षक डॉ अमित बाजपेई ने बताया कि मौसम बदलने पर जब ठंड का अहसास होने लगे तो बीपी मरीज को सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि ठंड से दिमाग की रक्त नलिकाएं सिकुड़ने लगती हैं और ब्रेन हेमरेज होने का खतरा बढ़ जाता है। बीपी की दवा खाना न छोड़ें।



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